महाभारत और भगवद् गीता में माता देवकी ने भगवान कृष्ण के अव्यक्त रूप का विशेष वर्णन किया है। यह रूप समस्त गुणों से रहित, विकारहीन, और ब्रह्म ज्योति स्वरूप है। देवकी के अनुसार, यही रूप भगवान विष्णु का है जो समस्त ब्रह्माण्ड के पीछे छिपे कारण और निराकार सत्ता के प्रतीक हैं।
इस श्लोक का उद्देश्य भगवान की अनिर्वचनीय सत्ता और आलौकिक शक्ति का बखान करना है, जो ब्रह्माण्ड के संचालन का आधार है। यह उपदेश हमें याद दिलाता है कि देवता के कई रूप होते हैं और हर रूप अपने आप में एक विशेष संदेश लिए होता है।
बेहतर नींद के लिए डॉक्टर वॉकर के 6 नायाब तरीकेबहुत से लोग रात भर बिस्तर…
टेस्ला ने 15 जुलाई को बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC), मुंबई में अपना पहला शोरूम खोला था,…
चीन में विक्ट्री डे: किम जोंग उन की चर्चाचीन में हुए विक्ट्री डे समारोह में…
पचास के दशक में अमेरिकी राजनीति में चीन के साथ संबंधों की दिशा को लेकर…
हिमालय में आपदाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। 2025 में मॉनसून…
चीन की विक्ट्री डे परेड में जब उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग अपनी खास ट्रेन…