पंजाब में इस बार तबाही के कई कारण हैं। अनियमित मानसून, जलवायु परिवर्तन, और मानवजनित गतिविधियों ने स्थिति को और बिगड़ा दिया है। हाल ही में हुई अत्यधिक बारिश ने नदी तटों को तोड़ दिया और खेतों को बर्बाद कर दिया। ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से जलवायु में आए परिवर्तन ने इस पर और प्रभाव डाला है। विशेषज्ञ बताते हैं कि प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन जलवायु असंतुलन का मुख्य कारण है। क्षेत्र में अनियंत्रित शहरीकरण भी समस्या का एक बड़ा घटक है, जो जल निकासी व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है।
सरकार द्वारा नीतिगत स्तर पर जल्द कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। जनता को भी अपने पर्यावरण के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। वैज्ञानिक समुदाय जलवायु परिवर्तनों के गहन अध्ययन और समाधान की खोज में जुटा है।
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