महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक अद्वितीय उदाहरण पेश करते हुए वैभव ने साहस के साथ अपने जीवन की चुनौतियों का सामना किया। दुर्घटना में अपने दोनों हाथ गंवाने के बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और पैरों से लिखकर अपनी पढ़ाई जारी रखी। उनके अथक प्रयास और दृढ़ संकल्प ने उन्हें महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (MPSC) की परीक्षा में सफलता दिलाई, जिसके बाद उन्हें राजस्व सहायक नियुक्त किया गया। वैभव की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह साबित करती है कि कोई भी बाधा मानव इच्छा शक्ति पर हावी नहीं हो सकती। उनकी इस उपलब्धि पर नांदेड़ जिले के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं और उनकी कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहा है।
बेहतर नींद के लिए डॉक्टर वॉकर के 6 नायाब तरीकेबहुत से लोग रात भर बिस्तर…
टेस्ला ने 15 जुलाई को बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC), मुंबई में अपना पहला शोरूम खोला था,…
चीन में विक्ट्री डे: किम जोंग उन की चर्चाचीन में हुए विक्ट्री डे समारोह में…
पचास के दशक में अमेरिकी राजनीति में चीन के साथ संबंधों की दिशा को लेकर…
हिमालय में आपदाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। 2025 में मॉनसून…
चीन की विक्ट्री डे परेड में जब उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग अपनी खास ट्रेन…