दिल्ली में यमुना की बाढ़ हर साल तबाही मचाती है। 2025 में जलस्तर 207.48 मीटर तक पहुंच गया, जिससे 10,000 से अधिक लोग बेघर हो गए। पिछले 10 साल में 4-5 बार गंभीर बाढ़ का सामना करना पड़ा है। फ्लडप्लेन पर कॉलोनियों का निर्माण, गाद का जमाव और हथिनीकुंड से पानी छोड़ने की स्थितियों ने बाढ़ की स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है।
दिल्ली, हरियाणा और केंद्र सरकार की संयुक्त जिम्मेदारी है कि वे इस समस्या का समाधान निकालें। विशेषज्ञों का मानना है कि समाधान के लिए अतिक्रमण हटाने, ड्रेनों की सफाई, और सस्टेनेबल प्लानिंग की दिशा में ठोस कदम उठाने जरूरी हैं। सस्टेनेबल प्लानिंग से ही नियमित बाढ़ की बर्बादी रोकी जा सकती है।
बेहतर नींद के लिए डॉक्टर वॉकर के 6 नायाब तरीकेबहुत से लोग रात भर बिस्तर…
टेस्ला ने 15 जुलाई को बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC), मुंबई में अपना पहला शोरूम खोला था,…
चीन में विक्ट्री डे: किम जोंग उन की चर्चाचीन में हुए विक्ट्री डे समारोह में…
पचास के दशक में अमेरिकी राजनीति में चीन के साथ संबंधों की दिशा को लेकर…
हिमालय में आपदाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। 2025 में मॉनसून…
चीन की विक्ट्री डे परेड में जब उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग अपनी खास ट्रेन…