दिल्ली में यमुना बाढ़: समाधान के लिए सस्टेनेबल प्लानिंग आवश्यक

दिल्ली में यमुना की बाढ़ हर साल तबाही मचाती है। 2025 में जलस्तर 207.48 मीटर तक पहुंच गया, जिससे 10,000 से अधिक लोग बेघर हो गए। पिछले 10 साल में 4-5 बार गंभीर बाढ़ का सामना करना पड़ा है। फ्लडप्लेन पर कॉलोनियों का निर्माण, गाद का जमाव और हथिनीकुंड से पानी छोड़ने की स्थितियों ने बाढ़ की स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है।

दिल्ली, हरियाणा और केंद्र सरकार की संयुक्त जिम्मेदारी है कि वे इस समस्या का समाधान निकालें। विशेषज्ञों का मानना है कि समाधान के लिए अतिक्रमण हटाने, ड्रेनों की सफाई, और सस्टेनेबल प्लानिंग की दिशा में ठोस कदम उठाने जरूरी हैं। सस्टेनेबल प्लानिंग से ही नियमित बाढ़ की बर्बादी रोकी जा सकती है।