दिल्ली में पिछले चुनावी हार के बावजूद आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब और गुजरात के विधानसभा उपचुनावों में दमदार प्रदर्शन किया है। इन चुनावों की जीत ने यह सिद्ध कर दिया कि AAP की राजनीतिक ताकत अभी भी बरकरार है। गुजरात में पार्टी को विशेष उम्मीदें हैं, जहां पार्टी का ध्यान कांग्रेस से अलग अपनी राजनीतिक रणनीति पर जोर देने पर है। AAP जानती है कि अकेले चुनाव लड़ने से उसे ज्यादा लाभ हो सकता है। इस बढ़ते आत्मविश्वास का परिणाम पार्टी की आगामी रणनीतियों में साफ देखने को मिल सकता है।
